पौष पूर्णिमा के शुभ अवसर पs प्रयागराज में महाकुंभ के शुरुआत हो गइल बा. लाखों श्रद्धालु आजु त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाइहें. हिन्दू धर्म के सबसे बड़ धार्मिक पर्व के लेके भक्तन के मन में उत्साह देखल जा रहल बा। 13 जनवरी से शुरू होखे वाला महाकुंभ के पावन पर्व 26 फरवरी ले चलत रही। मानल जाला कि ई महाकुंभ 144 साल बाद आइल बा आ एही से एकरा के बहुत खास मानल जाला। महाकुंभ के पहिला अमृत स्नान (शाही स्नान) 14 जनवरी के होई। हिन्दू पौराणिक कथा के अनुसार महाकुंभ में डुबकी लगावे से आदमी के सब पाप धो के ओकरा के आध्यात्मिक ज्ञान मिलेला।
तिब्बत आ नेपाल में भूकंप में मरे वाला लोग खातिर कइल गइल पूजा
महाकुंभ में तिब्बत आ नेपाल में आइल भूकंप के चलते जान-माल के बहुत नुकसान भइल, अइसन स्थिति में संगम के किनारे जान गँवावे वाला लोग के आत्मा के शांति खातिर पूजा कइल गइल.
त्रिवेणी घाट पs सबेरे से स्नान शुरू
आज प्रयागराज के गंगा, यमुना आ अदृश्य सरस्वती के त्रिवेणी संगम में लोग के भीड़ जुटल बा। आजु से महाकुंभ शुरू हो गइल बा आ पौष पूर्णिमा के पुण्य तिथि पs लोग नहाए खातिर त्रिवेणी घाट पs पहुँच रहल बा.
महाकुंभ के आयोजन ज्योतिषीय गणना के अनुसार होला
ज्योतिष के अनुसार महाकुंभ के आयोजन तब होला जब बृहस्पति ग्रह वृषभ राशि में होखे आ सूर्य मकर राशि में होखे। बृहस्पति 12 साल बाद वृषभ राशि में प्रवेश कइले बा, आ सुरुज पs एकर नौवाँ पहलू मकर राशि में स्थित बा। एह ग्रह संयोग के बेहद शुभ मानल जाला।