उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी में भइल ‘कहत भिखारी’ के मंचन
गोरखपुर के नाट्य संगठन 'रूपांतर नाट्य मंच' करवलस प्रस्तुति
3 जून के उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के वाल्मीकि रंगशाला के प्रांगण में गोरखपुर के नाट्य संगठन ‘रूपांतर नाट्य मंच’ के ओर से भोजपुरी नाटक ‘कहत भिखारी’ के मंचन कइल गइल। एह नाटक के निर्देशन सुनील जायसवाल कइले रहलें जिनकर संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार से ‘लोक रंगमंच’ के क्षेत्र में जूनियर आ सीनियर फेलोशिप से सम्मानित कइल गइल बा, नाटक लेखन अपर्णेश मिश्रा के रहे। गोरखपुर के कलाकारन के ई प्रस्तुति रंगमंच प्रेमियन के दिल आ दिमाग में बस गइल.
भोजपुरी के शेक्सपियर के रूप में लोकप्रिय रूप से जानल जाए वाला लोककलाकार भिखारी ठाकुर के जीवन से प्रेरित एह नाटक में लोकनृत्य आ संगीत के साथे-साथे भोजपुरी भाषा के धरती के दिल के भी लुभावन आ प्रभावशाली अंदाज में प्रस्तुत कइल गइल। आम आदमी से जुड़ल सामाजिक विषयन पर देहाती शैली में भिखारी ठाकुर के लोक रचना के झलक के निरन्तरता बिना कवनो तामझाम आ सादगी पूरा नाटक में बनल रहल. उनुका लिखल गीत आ विषय से सजल कलाकारन के प्रस्तुति से 19वीं सदी के भोजपुरी मेगास्टार भिखारी ठाकुर के मंच पर जीवंत हो गइल.
असल में ई नाटक भिखारी ठाकुर के जीवनी ना ह, बलुक ई उनकर रचनाकार, कलाकार आ सामाजिक यथार्थ के वाहक बनला के कहानी ह. एहमें एगो सच्चा कलाकार के प्रतिबद्धता, ओकर तड़प आ समाज में व्याप्त बुराइयन का खिलाफ ओकर रचनात्मकता आ फेर कवनो भाषा के सुपरहीरो बने के बात कइल गइल बा. ई नाटक भिखारी ठाकुर के रचित ‘बिरहा बहार’, ‘कलजुगी प्रेम’, ‘बेटी-वियोग’, ‘गबरघिचोर’, ‘बिदेसिया’ जइसन मशहूर रचना से पात्रन आ घटना के क्रमिक विकास बा.
मंच पर पुरनका भिखारी ठाकुर के किरदार निभावे वाला अपर्णेश मिश्र अपना किरदार से पूरा न्याय कइलन. आदित्य राजन एगो नवही भिखारी का रूप में आ निशिकांत, पवन, हरिकेश, सुरभि, शिवांगी पाठक, मनीष, सनोज, प्रदीप, श्रेयांश के तरह तरह के भूमिका में शानदार प्रस्तुति दिहलन, संगीत मंडली में ढोलक पर शगुन, आर्य आ पवन अपना सुमधुर प्रस्तुति से दर्शकन के मंत्रमुग्ध कs के ताली के गडगडाहट पैदा करे खातिर मजबूर कs देहलें.
नाटक लेखन सहायक आ संगीत निर्देशक आदित्य राजन, प्रकाश व्यवस्थापक राजनाथ वर्मा, रूप सजावट निशिकांत पाण्डेय आ देव्यानी कइले|
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