कविता “जाना” (मजदूर के गाथा) कविता प्रिंस रितुराज दुबे Mar 4, 2023 'जाना' ढो ढो के बोझा कान्ह बथल हाथे का आईल ये भईया | बड़का बड़का के सपना सजइनी ना लागल हाथे ठीक से खाहु क रुपईया | कार करत जब हार जाई…