कविता हमरा ससुर एगो कुंइयाँ खनवलें, डोरिया बरत दिनवाँ बीतल हो राम जी! Jan 10, 2023 गोरखपुर। 'राजा-रानी आवत होइहें, पोखरा खनावत होइहें, पोखरा के आरी -आरी पेड़वा लगावत होइहें' और हमरा ससुर एगो पोखरा खनवलें, डोरिया बरत दिनवाँ बीतल हो…