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कराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वती ।करमूले तु गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम ॥

सबेरे-सबेर : हथेली देख के भोरे कवन मंत्र पढ़े के चाहीं? जानीं मंत्र, बोल, आ अर्थ

दिन के शुभ सुरुआत शुभ चिजन के देखे से सुरू होला। एकरा खातिर भारतीय ऋषि लोग हमनी के करदर्शनम के संस्कार यानी हाथ के दर्शन के देले बाने।|…

सबेरे-सबेर : कराग्रे वसते लक्ष्मी… काहे भोरे -भोरे हथेली देखे के चाहीं? जानीं मंत्र, बोल, आ अर्थ  

दिन के शुभ सुरुआत शुभ चिजन के देखे से सुरू होला। एकरा खातिर भारतीय ऋषि लोग हमनी के करदर्शनम के संस्कार यानी हाथ के दर्शन के देले बाने।| शास्त्र में…