महाअष्टमी : आश्विन मास के शुक्ल पक्ष से सुरू भइल शारदीय नवरात्रि के आठवां दिन महाअष्टमी कहल जाला। एह दिन माता दुर्गा के अष्टम स्वरूप मां महागौरी के पूजा विशेष मानल जाला। पौराणिक मान्यता बा कि महागौरी भगवान शिव जी के अर्धांगिनी हई आ जे लोग उनकर आराधना करेला, ओह लोगन पs भोलेनाथ के विशेष किरपा बरसेला। एह दिन कन्या पूजन के बड़ महत्व बा।
महाअष्टमी 2025 तिथि आ मुहूर्त:
- अष्टमी तिथि सुरू: 29 सितंबर 2025, सांझ 04:31 बजे
- अष्टमी तिथि समाप्त: 30 सितंबर 2025, सांझ 06:06 बजे
- ब्रह्म मुहूर्त पूजा: भोर 04:37 से 05:25 बजे ले
- अभिजीत मुहूर्त: दिन के 11:47 से 12:35 बजे ले
- कन्या पूजन मुहूर्त: दिन के 10:40 बजे से 12:10 बजे ले
मां महागौरी पूजा विधि:
- भोर में स्नान-ध्यान कs के शुद्ध वस्त्र धारण करीं।
- पूजा स्थान के गंगाजल से पवित्र करीं आ महागौरी के चित्र/प्रतिमा स्थापित करीं।
- घीव के दिया जराके, रोली, चंदन, अक्षत, धूप आ पीयर फूल अर्पित करीं।
- नारियल, पूड़ी, काला चना आ हलवा के भोग चढ़ाईं।
- दुर्गा सप्तशती पाठ, मंत्र जप आ आरती करीं।
प्रिय भोग:
मां महागौरी के नारियल से बनल व्यंजन खास प्रिय बा। नारियल लड्डू, नारियल बर्फी आदि बना के देवी के अर्पित कइल जा सकेला।
मंत्र:
ॐ देवी महागौर्यै नमः
स्तुति मंत्र:
श्वेते वृषे समरूढा श्वेताम्बराधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।।
मां महागौरी की आरती
जय महागौरी जगत की माया ।
जय उमा भवानी जय महामाया ॥
हरिद्वार कनखल के पासा ।
महागौरी तेरा वहा निवास ॥
चंदेर्काली और ममता अम्बे
जय शक्ति जय जय मां जगदम्बे ॥
भीमा देवी विमला माता
कोशकी देवी जग विखियाता ॥
हिमाचल के घर गोरी रूप तेरा
महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा ॥
सती ‘सत’ हवं कुंड मै था जलाया
उसी धुएं ने रूप काली बनाया ॥
बना धर्म सिंह जो सवारी मै आया
तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया ॥
तभी मां ने महागौरी नाम पाया
शरण आने वाले का संकट मिटाया ॥
शनिवार को तेरी पूजा जो करता
माँ बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता ॥
‘चमन’ बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो
महागौरी माँ तेरी हरदम ही जय हो ॥
पूजन से लाभ:
महागौरी माता के ध्यान-पूजन से अद्भुत सिद्धि आ कष्टनिवारण होखेला। ईश्वरिन धन, ऐश्वर्य, सुख-शांति आ समृद्धि प्रदान करेली। अष्टमी के दिन कन्या पूजन से मां दुर्गा के असीम कृपा प्राप्त होखेला।
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