भोपाल। बीतल 36 बरिस से आतंक, भय के साया में जियत रहे बालाघाट, मंडला आ डिंडोरी के लोगन के खातिर शांति के नया सबेरा आइल बा। मध्य प्रदेश अब माओवादी हिंसा से मुक्त हो गइल बा। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र आ छत्तीसगढ़ (एमएमएसी) जोन में सक्रिय सब 42 माओवादी 42 दिन के भीतर समर्पण कs दिहल लोग।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव कइलें घोषणा
बालाघाट के माओवादी दीपक आ छत्तीसगढ़ के रहे वाला रोहित बियफे के बालाघाट में समर्पण कइल लोग। एकरा संगही मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मध्य प्रदेश के माओवादी हिंसा मुक्त होखे के घोषणा करत कहलें कि अब ई क्षेत्र विकास में कदम से कदम मिला के चली।
ऊ कहलें कि माओवादी क्षेत्र के विकास ना होखे देत रहलें सs। अब योजना बना के तीनो जिला के समग्र विकास कइल लाई, जवना से भविष्य में एह तरे के परिस्थिति ना पनप पावे।
सीएम कहलें कि एह 36 बरिस के संघर्ष में 38 बहादुर सुरक्षाकर्मी आपन प्राण न्यौछावर कs दिहल लोग। एतने ना 39 आमजन के माओवादी मार देले सs। डॉ. यादव कांग्रेस पs निशाना सधलें।
ऊ आगे कहलें कि 20 नवंबर के आंध्र प्रदेश में सीसीएम हिड़मा के मुठभेड़ पs कांग्रेस सहानुभूति जतवले रहे। कांग्रेस आ कांग्रेस के नेता लोगन के शर्म आवेके चाहीं। माओवादी ओह लोगन के पार्टी के कइयन गो नेता लोगन के मरले रहs सs।
उल्लेख करे जाेग बा कि बरिस 1988 में जब माओवादी एह इलाका में आपन जड़ जमावल सुरू कइलें सs, तब केहू ना सोचले रहे कि ई संघर्ष एतना दशक तक चली। गांव में डर, जंगल में बंदूक आ सड़क पs सन्नाटा इहे पहचान बन गइल रहे एह पूरा क्षेत्र के।
दीपक आ रोहित पs 43 लाख रुपिया के रहे इनाम
बियफे के मलाजखंड दलम के कमांडर दीपक उर्फ सुधाकर आ दर्रेकसा दलम के एएसएम रोहित बालाघाट के कोरका सीआरपीएफ कैंप में समर्पण कs देलें सs। दुनो पs कुल 43 लाख रुपिया के इनाम रहे। एमएमसी जोन के अंतिम बचल ई दुनो माओवादी बियफे के सांझ पुलिस कंट्रोल रूम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के सामने वर्चुअल समर्पण कइल लोग।






