मुबंई। महाराष्ट्र सरकार के 719 कर्मचारियन के खिलाफ शिकायत दर्ज भइल बा। ई लोग कथित रूप से अलग-अलग सरकारी योजना के फायदा लेवे खातिर फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट के इस्तेमाल कइले बा। दिव्यांग कल्याण मंत्री अतुल सावे मंगर के दिने विधानसभा में एह बात के जानकारी देलें।
मंत्री कहलें कि केंद्र आ राज्य सरकार के निरदेस के बाद दिव्यांग प्रमाण पत्र के जांच अब अनिवार्य कर दिहल गइल बा। अगर केहू के सर्टिफिकेट में अनियमितता मिलत बा तs ओकरा खिलाफ कड़ा कार्रवाई होई।
ऊ कहलें कि सरकार के लगे 719 सरकारी कर्मचारियन के शिकायत पहुंचल बा, जे लोग फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र के सहारे योजना के लाभ लेत रहे। ई जवाब ऊ शरद पवार गुट वाली राकांपा के विधायक बापू पाटरे के सवाल पs देलें।
सावे बतवलें कि सतारा जिला में 78, पुणे में 46 आ लातूर में 26 कर्मचारियन पs शिकायत दर्ज भइल बा। ऊ कहलें कि पुणे में 21 कर्मचारी फर्जी सर्टिफिकेट जमा करे के चलते निलंबित हो चुकल बा लोग आ नंदुरबार में दुगो कर्मचारी के पद से हटावल गइल बा।
सरकारी निरदेस के अनुसार, जवना कर्मचारी के प्रमाण पत्र फर्जी पावल जाई, ना तs ओकर दिव्यांगता 40 फीसदी से कम मिली, तs ओह लोगन के खिलाफ 2016 के ‘निःशक्त व्यक्ति अधिकार अधिनियम’ के धारा 11 के तहत कार्रवाई होई, संगे-संगे अनुशासनात्मक कार्यवाही होई।
मंत्री इहो बतवलें कि 9 अक्टूबर के जारी सरकारी नोटिस में सब विभागन के कहल गइल बा कि दिव्यांग प्रमाण पत्र के जांच पूरा कइल जावs आ 8 जनवरी 2026 तक विस्तृत रिपोर्ट जमा करावल जावs।






