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Demonetisation: आज रात 8 बजे…नोटबंदी के 6 साल बाद बाजार में बढ़ल 72% नकदी, RBI के रिपोर्ट में खुलासा

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आज रात 8 बजे से 500 आ 1000 रुपिया के नोट चलन से बाहर हो जाई…6 साल पहिले 8 नवंबर 2016 के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एह घोषणा के बाद पूरा देश में अफरा-तफरी के माहौल बन गइल रहे। लोगन के बैंक आ एटीएम के बाहर लमहर- लमहर कतारन में खड़ा होखे क मजबूर होखे के पड़ल। नोटबंदी के 6 साल पूरा हो गइल, बाकिर नकदी के चलन अभियो खतम नइखे भइल।

नकदी 30.88 लाख करोड़ रुपिया के रिकॉर्ड स्तर प

देश में जनता के बीच मवजूद नकदी 21 अक्टूबर 2022 तक 30.88 लाख करोड़ रुपिया के रिकॉर्ड स्तर प पहुंच गइल जवन ई दर्शावत बा कि नोटबंदी के छव साल बादो देश में नकदी के भरपूर उपयोग जारी बा। ई आंकड़ा चार नवंबर, 2016 के समाप्त पखवाड़ा में चलन में मवजूद मुद्रा के स्तर से 71.84 प्रतिशत बेसी बा।

भ्रष्टाचार आ काला धन के समस्या के दूर करे खातिर पीएम मोदी कइले रहस नोटबंदी के घोषणा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आठ नवंबर, 2016 के अर्थव्यवस्था में भ्रष्टाचार आ काला धन के समस्या के दूर करे के उद्देश्य से 500 आ 1,000 रुपिया के नोटन के चलन से बाहर क देले रहस। डेग के उद्देश्य भारत के ‘कम नकदी’ वाला अर्थव्यवस्था बनावे के रहे। एह डेग के खराब योजना आ निष्पादन बतावत कइयन गो विशेषज्ञ एकर आलोचना कइले रहे लो।

आरबीआई जारी कइलस नकदी के लेके रिपोर्ट

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के तरफ से पखवाड़ा के आधार प सुक के जारी धन आपूर्ति आंकड़न के मोताबिक, एह साल 21 अक्टूबर तक जनता के बीच चलन में मवजूद मुद्रा के स्तर बढ़के 30.88 लाख करोड़ रुपिया हो गइल। ई आंकड़ा चार नवंबर, 2016 के समाप्त पखवाड़ा में 17.7 लाख करोड़ रुपिया रहे। चलन में मवजूद कुल मुद्रा में से बैंकन के लगे पड़ल नकदी के घटा देला प पता चलत बा कि चलन में केतना मुद्रा लोगन के बीच बा। गौर करे वाला बात बा कि भुगतान के नया आ सुविधाजनक डिजिटल विकल्प के लोकप्रिय होखला के बावजूद अर्थव्यवस्था में नकदी के उपयोग लगातार बढ़ रहल बा।

साभार: प्रभात खबर

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