Khabar Bhojpuri
भोजपुरी के एक मात्र न्यूज़ पोर्टल।

पालकी पर सवार भगवान रंगनाथ पहुंचलें बैकुंठ द्वार: साल में एक बेर खुलsला, दर्शन कइले से मिलsला बैकुंठ लोक

593

दक्षिण शैली में बनल उत्तर भारत के सबसे बड़ मंदिर रंगनाथ मथुरा में स्थापित बा। इहां बैकुंठ द्वार बनल बा त साल में एक बेर खुलsला। सोमार के सुबह ब्रह्म मुहूर्त में भगवान रंगनाथ, माता गोदा जी के संगे परंपरागत वाद्य यंत्र के मधुर ध्वनि के मध्य निज मंदिर से पालकी में विराजमान हो के बैकुंठ द्वार पहुंचनें। इहां भगवान रंगनाथ के पालकी करीब आधा घंटा ले दुआर पर ठाढ़ रहल।

भगवान रंगनाथ के सवारी बैकुंठ द्वार पर पहुंचले पs मंदिर के श्रीमहंत गोवर्धन रंगाचार्य जी के नेतृत्व में सेवायत पुजारी लोग पाठ कइलें। इहां करीब आधा घंटा ले वैदिक मंत्रोचार के मध्य पाठ अउर अर्चना कइल गइल। एकरे बाद भगवान रंगनाथ, शठ कोप स्वामी, नाथ मुनि स्वामी अउर आलवर संत के ओर से कुंभ आरती कइल गइल। एकरे बाद भगवान के सवारी मंदिर प्रांगड़ में भ्रमण कइलें। एकरे बाद पालकी पौंडानाथ मंदिर (जेके कहल जाला कि ऊ बैकुंठ लोक ह) में विराजमान भइलें।

बैकुंठ एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में खुलsला मंदिर

इहां मंदिर के लोग भगवान के भजन गा के सुनावल। बैकुंठ द्वार से निकलले के चाह में हजारों भक्त रात से ही मंदिर परिसर में इकट्ठा होखल शुरू हो गइल। मंदिर के पुजारी स्वामी राजू बतवलें कि 21 दिवसीय बैकुंठ उत्सव में 11वें दिन बैकुंठ एकादशी पर्व पर बैकुंठ द्वार खोलल जाला। ई एकादशी वर्ष के सर्वश्रेष्ठ एकादशियन में से एक मानल जाला।

बैकुंठ एकादशी के अवसर पर भगवान रंगनाथ के दर्शन कs के भक्त आनंदित हो उठलें। बैकुंठ उत्सव के दौरान रघुनाथ स्वामी, माल्दा गोवर्धन, रंगा स्वामी, चौवी स्वामी, तिरुपति, लखन लाल पाठक, जुगल किशोर, चक्रपाणि मिश्रा, कन्हिया, पंकज शर्मा, शुभम, अमित, लोकेश, गोपाल, राहुल आदि लोग प्रमुख रूप से मौजूद रहनें।

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

Comments are closed.