कविता राम बियाह के गीत- कुमार आशु के कलम से Feb 14, 2022 "ए बबुआ, अब रउरे अगोरा बा..! अब जनि देर करीं अइले में धरि धरि गोड़ निहोरा बा..!! सांवर गोरहर दुलहा देखिके सुध बुध सगरि भुलाइल हो, बाबा के सौ बार…