कविता राम बियाह के गीत- कुमार आशु के कलम से Feb 14, 2022 "ए बबुआ, अब रउरे अगोरा बा..! अब जनि देर करीं अइले में धरि धरि गोड़ निहोरा बा..!! सांवर गोरहर दुलहा देखिके सुध बुध सगरि भुलाइल हो, बाबा के सौ बार…
कविता कुमार आशु के नेह के गीत Feb 9, 2022 अखियां देखे खातिर तरसे.. दिन भर याद में तहरा बरसे.. हरदम रहत बाटें तहरे ही खुमार सजनी..! जबसे भइल बाटें हमके तहसे प्यार सजनी..!! सुतत जागत हर पल…