सबेरे-सबेरे

सबेरे उठके एह मंत्रन के   करीं जाप

भोरे उठला के बाद एह मंत्रन के जाप करीं, पूरा दिन खुशी से बीती-

कराग्रे वसते लक्ष्मी, करमध्ये सरस्वती। करमूले स्थितो ब्रह्मा, प्रभाते कर दर्शनम्।।

समुद्र वसने देवी, पर्वत स्तन मंडले। विष्णु पत्नि नमस्तुभ्यं पादस्पर्शं क्षमस्व मे।।

आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीद मम भास्कर। दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोऽस्तुते।

दीप ज्योति: पर ब्रह्म, दीप ज्योतिजनार्दन:। दीपो हरतु मे पापं, दीप ज्योतिर्नमोऽस्तुते।

ब्रह्मार्पण ब्रह्म हवि: ब्रह्माग्नौ ब्रह्मणा हुतम्। ब्रह्मैव तेन गन्तव्यं, ब्रह्म कर्म समाधिना।।

मंत्र जपला से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा आवेला अवुरी मन शांत हो जाला।  एहसे जीवन में भी सकारात्मकता आवेला अवुरी बहुत समस्या से छुटकारा मिलेला.

फायदा

सेहत से जुड़ल अउरी जानकारी खातीर पढ़त रही-

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