अमवसा क मेला ई भक्ति के रंग में रंगल गाँव देखा धरम में करम में सनल गाँव देखा अगल में बगल में सगल गाँव देखा अमवसा नहाये चलल गाँव देखा॥
बाबू आन्हर माई आन्हर हमै छोड़ सब भाई आन्हर के-के, के-के दिया देखाई बिजुली अस भउजाई आन्हर॥
चाल सुधारा चाल सुधारा बरखा रानी चाल सुधारा कब्बौ झूरा कब्बौ बाढ़ केसे केसे लेईं राढ़ खेतवन से बस दुआ बंदगी खरिहनवन से भाई चारा॥