Shri Vaibhav Laxmi Aarti And Mantra: शुक्रवार के करीं श्री वैभव लक्ष्मी मंत्र के जाप आ आरती, बनल रही मां के कृपा
श्री वैभव लक्ष्मी आरती आ मंत्र: आज शुक्रवार ह आ आज देवी लक्ष्मी के समर्पित बा। वैभव लक्ष्मी व्रत एह दिन कइल जाला। ई देवी लक्ष्मी के एगो रूप ह। इनकर पूजा कइला से घर में सुख आ समृद्धि मिलेला।
श्री वैभव लक्ष्मी आरती आ मंत्र : आज शुक ह आ आज देवी लक्ष्मी के समर्पित बा। वैभव लक्ष्मी व्रत एह दिन मनावल जाला। ई देवी लक्ष्मी के एगो रूप ह। इनकर पूजा कइला से घर में सुख आ समृद्धि मिलेला। ओह आदमी के कवनो तरह के आर्थिक संकट के सामना ना करे के पड़ेला। एकरा अलावे अटकल पईसा भी वापस आ जाला। मानल जाला कि वैभव लक्ष्मी के व्रत 11 या 21वां शुक्रवार तक रखे के चाही। अगर कवनो कारण से कवनो शुक्रवार के व्रत नईखी राख पावत तs आपन माता से माफी मांगी अवुरी अगिला शुक्रवार के व्रत राखी। वैभव लक्ष्मी के पूजा के दौरान माई के आरती आ मंत्र के जप जरूरी बा। एह से घर में सुख, समृद्धि, शांति, सौभाग्य, वैभव, बहादुरी आ सफलता मिलेला। आईं श्री वैभव लक्ष्मी मंत्र आ आरती पढ़ल जाव।
श्री वैभव लक्ष्मी मंत्र:🌺
1. या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी।
या रक्ता रुधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी॥
या रत्नाकरमन्थनात्प्रगटिता विष्णोस्वया गेहिनी।
सा मां पातु मनोरमा भगवती लक्ष्मीश्च पद्मावती॥
2. यत्राभ्याग वदानमान चरणं प्रक्षालनं भोजनं> सत्सेवां पितृ देवा अर्चनम् विधि सत्यं गवां पालनम धान्यांनामपि सग्रहो न कलहश्चिता तृरूपा प्रिया:> दृष्टां प्रहा हरि वसामि कमला तस्मिन ग्रहे निष्फला:
वैभव लक्ष्मी जी के आरती:🌺
ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
सब बोलो लक्ष्मी माता की जय, लक्ष्मी नारायण की जय। 🌺
Comments are closed.