अनुकंपा के आधार पर नौकरी अधिकार नाइ बलुक रियायत, सुप्रीम कोर्ट के बड़ टिप्पणी
अनुकंपा के आधार पर नौकरी मामिला में सुप्रीम कोर्ट बड टिप्पणी कइले बा। एक मामले में सुनवाई करत उच्चतम न्यायालय कहले बा कि अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति कौनो अधिकार नाइ बलुक रियायत ह अउर अइसन नियुक्ति के उद्देश्य प्रभावित परिवार के अचानक अइले के संकट से उबरले में मदद कइल ह।
सर्वोच्च अदालत एह संबंध में पिछले हफ्ता केरल उच्च न्यायालय के एक खंडपीठ के फैसला रद्द कs दिहलस। खंडपीठ के फैसला में एकल न्यायाधीश ओ फैसला के पुष्टि कइल गइल रहल जेमें फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स त्रावणकोर लिमिटेड अउर अन्य के अनुकंपा के आधार पर एक महिला के नियुक्ति के मामले पर विचार कइले के निर्देश दिहल गइल रहे।
सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति एमआर. शाह अउरी न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी के पीठ आदेश में कहलस कि महिला के पिता फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स त्रावणकोर लिमिटेड में कार्यरत रहलें अउरी ड्यूटी के दौरान ही उनकर अप्रैल 1995 में मृत्यु हो गइल रहे। पीठ कहलस कि उनकर मृत्यु के समय उनके पत्नी नौकरी करत रहली, एहलिए याचिकाकर्ता अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के पात्र नाइ बाड़ी। पीठ कहलस, कर्मचारी के मृत्यु के 24 साल बाद प्रतिवादी अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के हकदार नाइ होई।
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