सबेरे-सबेरे 

करीं दिन के शुरूआत सुबेरे के एह मंत्र के साथे

कराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वती । करमूले तु गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम ॥

मंत्र

अर्थात हमरी हाथ के अग्रभाग में भगवती लक्ष्मी के निवास बा। मध्य भाग में विद्यादात्री सरस्वती आ मूल भाग में भगवान विष्णु के निवास बा। अतः प्रभातकाल में हम एकर दर्शन करत बानी।

एह मंत्र के जाप कइले से धन के देवी लक्ष्मी, ज्ञान के देवी सरस्वती, आ भगवान विष्णु के कृपा मिलेला

इs मंत्र जीवन में सकारात्मक बदलाव लावेला

इs मंत्र बुरा कर्म के नाश करेला आ एs मंत्र के जाप कइले से संघर्ष पs जीत मिलेला

ए मंत्र के जाप से एकाग्रता आ आत्मविश्वास बढेला

 एs मंत्र के जाप से जीवन में संपन्नता आवेला